अंत्योदय अन्न योजना भारत सरकार की एक बहुत ही बड़ी पहल है विशेष सार्वजनिक रूप से पूरे देश में लागू किया गया। इस योजना को सन 1977 में सबसे पहले राजस्थान सरकार द्वारा लागू किया गया और फिर पूरे भारत देश में सन 2002 में केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया। भारत देश आजाद हो जाने के बाद भी भारत में हर दिन कई ऐसे परिवार है जो भूख के वजह से करने को मजबूर हो गए थे। तो उनकी इसी स्थिति को देखते हुए और भुखमरी से करने वाले लोगों की संख्या को समाप्त करने के उद्देश्य से सबसे पहले इस योजना को राजस्थान सरकार ने शुरू किया। जिसके अंतर्गत भारत में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लगभग 50 लाख परिवारों को शामिल किया गया। जिन्हें ₹2 प्रति किलो गेहूं और ₹3 आप प्रति किलो चावल सरकार द्वारा देने की व्यवस्था की गई। मानदंड रखा गया की प्रति परिवार 25 किलो अनाज दिया जाएगा जिसे सन 2002 में 1 अप्रैल को बढ़ाकर 35 किलो अन्य प्रति परिवार को देने की हर महीने में व्यवस्था कर दी गई। इस योजना के चलते भारत में भुखमरी की दर मैं कमी देखने को मिली जिसे देखते हुए भारत सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों में की संख्या एक करोड़ तक बढ़ा दी जिन्हें इस योजना का लाभ देना अनिवार्य था। इसे बाद में पूरे भारत देश में लागू कर दिया गया और भारत से भुखमरी की समस्या को खत्म करने का प्रयास किया जाने लगा।
अंत्योदय अन्न योजना किसे कहते हैं?
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को भारत सरकार द्वारा कम से कम दरों में अनाज देने की व्यवस्था की गई जिससे कि कोई भी परिवार भुखमरी से ना मर पाए। हमारे भारत देश में इतनी बड़ी आबादी में भी लगभग 5% ऐसे परिवार है जिन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पाती है और इसी वर्ग को भुखमरी वाला वर्ग भी कहा जाता है। इसी वर्ग की इस समस्या को दूर करने के लिए भारत सरकार ने अंत्योदय अन्न योजना को पूरे भारत देश में दिसंबर के महीने में सन 2002 में लागू कर दिया है जिसे पहले सिर्फ राजस्थान सरकार ने अपने राज्य में लागू किया था। जहां सबसे पहले इस योजना के अंतर्गत केवल 50 लाख परिवारों को रखा गया था और फिर बाद में एक करोड़ परिवार को लेकिन अब इस योजना का विस्तार करके 2.50 करोड़ निर्धन परिवारों को इस योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया है। जिसके अंतर्गत मात्र दो और तीन रुपए में ही प्रति परिवार को गेहूं और चावल अनाज देना अनिवार्य होगा।
अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गत हुए बदलाव क्या है?
अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गत पहले मंत्र गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को ही इस योजना का लाभ दिया जाता था लेकिन जब भारत सरकार ने इसे पूरे भारत देश में लागू किया तब समझा कि ऐसे और भी बहुत सारे परिवार है जिन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पाती है इसीलिए उन परिवारों को भी इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया वे परिवार जिनकी मुखिया विधवा हो गई है या असाध्य रोगी हो गई है या दिव्यांग व्यक्ति है तथा 60 वर्ष से ऊपर या उससे अधिक आयु के व्यक्ति जिनकी जीविका सुनिश्चित नहीं है तथा उनके आई का कोई साधन नहीं है और ऐसे परिवार जो सामाजिक रूप से असहाय है, ऐसे तमाम परिवारों को इस योजना के अंतर्गत सन 2003-4 में इस योजना के विस्तार के बाद लाने की व्यवस्था की गई जिसे संपूर्ण रूप से 3 जून 2003 को आदेश जारी करते हुए लागू कर दिया गया।
अंत्योदय अन्न योजना के उद्देश्य –
अंत्योदय योजना के अंतर्गत भारत के केंद्र सरकार द्वारा बहुत सारे उद्देश्य रखे गए हैं जो कि इस प्रकार से हैं –
- भारत में जो की 5 से 6% की दर से भुखमरी वाला वर्ग है उसे वर्ग को भुखमरी से बचने के लिए इस योजना की यानी कि अंत्योदय अन्न योजना की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा की गई है पूरे भारत देश में जिसे केवल पहले राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान में ही लागू किया गया था।
- अंत्योदय अन्न योजना के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले एवं तमाम परिवार को मात्र ₹3 में गेहूं और ₹2 में चावल देने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
- प्रति परिवार पहले सन 2002 में 25 किलो अनाज दिया जाता था जिसे सन 2003 में बढ़कर के 35 किलो अनाज देने का प्रावधान कर दिया गया है।
- इस योजना के माध्यम से उन तमाम गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को भुखमरी से बचने तथा जो दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं कर पाते थे उन्हें भरपेट खाना नसीब होने लगा।
- अंत्योदय अन्न योजना की शुरुआत राजस्थान सरकार द्वारा सबसे पहले केवल राजस्थान के रहने वाले नागरिकों के लिए किया गया था जिन्हें 50 लाख गरीब परिवारों को रखा गया था लेकिन इसकी सफलता को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे पूरे भारत देश में लागू कर दिया और वर्तमान में 2.25 करोड़ ऐसे परिवार है जो इस योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
- ऐसे परिवार जिनके घरों में विधवा या असाध्य रोग से ग्रस्त कोई व्यक्ति थे या जिनके घर में 60 वर्ष या उसे अधिक आयु के कोई व्यक्ति थे जो कि उसे घर के मालिक थे और उन्हें सामाजिक सुरक्षा या आर्थिक सुरक्षा प्राप्त नहीं थी और उनके मासिक आय के स्रोत की कोई भी सुविधा नहीं थी ऐसे परिवारों को भी इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया और उन्हें भी अनाज देने की व्यवस्था की गई।
अंत्योदय अन्न योजना के लाभ और विशेषताएं-
अंत्योदय अन्न योजना की बहुत सारी विशेषताएं हैं और इसके बहुत सारे लाभ है जो कि इस प्रकार से है –
- अंत्योदय अन्न योजना के लिए उन सभी लाभार्थियों की पहचान केंद्र सरकार द्वारा की जाती है जो कि इस योजना के योग्य है। जिससे कि तमाम प्रकार की धोखाधड़ी से छुट्टी मिल जाती है।
- अंत्योदय अन्न योजना द्वारा भारत में ऐसे बहुत सारे परिवार जो कि हर साल भुखमरी का आहार बन जाते थे उन्हें इस योजना के माध्यम से बचने के तथा उन्हें भरपेट भोजन की व्यवस्था किसी योजना के माध्यम से की गई।
- जब जब जरूरत पड़ी है भारत में रहने वाले नागरिकों को कोई योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए तब तक केंद्र सरकार ने इस योजना का विस्तार किया है और अधिक से अधिक लाभार्थियों को इस योजना का लाभ देने का अवसर दिया है।
- केंद्रीय बजट के अनुसार सन 20045 में यह घोषणा की गई थी कि भुखमरी से करने वाले उन तमाम प्रकार के गरीबी रेखा से नीचे जीवन अध्यापन करने वाले व्यक्तियों के साथ ही साथ और भी जो परिवार जिन्हें इस योजना का लाभ प्राप्त करने की आवश्यकता है उन्हें भी इस योजना के अंतर्गत लाभ देने का प्रावधान लागू किया गया।
- वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत पढ़ाई करोड़ परिवारों को शामिल किया गया है जिससे कि भारत देश की भारत देश की स्थिति को सुधारा जा सके।
अंत्योदय अन्न योजना के लिए पात्रता –
अंत्योदय अन्न योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को निम्नलिखित पात्रता रखती आवश्यक होती है जो कि इस प्रकार से है –
- आवेदक भारत का मूल निवासी होना चाहिए।
- बीपीएल कार्ड धारक या अंत्योदय कार्ड धारक व्यक्ति इस योजना के पात्र होंगे।
- शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाला छोटा कृषि श्रमिक जो की भूमिहीन हो।
- छोटे-मोटे रोजगार करने वाले वह तमाम प्रकार के व्यक्ति जो की दिहाड़ी मजदूर हो जिम कुमार मोची बंकर किस तमाम प्रकार के ग्रामीण तथा शहरीय व्यक्ति जिनके पास आश्रय नहीं है या झुग्गी- झोपड़िया में अपना गुजारा कर रहे हैं वह भी इस योजना के पात्र हैं।
- वे सभी परिवार जिन परिवारों की मुखिया विधवा महिला है या असाध्य रोग से ग्रसित कोई व्यक्ति जो दिव्यांग हो गए हो या 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति जिन्हें मासिक आय का कोई भी स्रोत नहीं है वह इस योजना के पात्र हैं।
- वे सभी आदिवासी जनजातियों के परिवार जिनकी वार्षिक आय 15 हजार रुपए या इससे काम की है वह सभी इस योजना के पात्र हैं।
अंत्योदय अन्न योजना आवेदन के लिए डॉक्यूमेंट-
अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए आपके पास निम्नलिखित डॉक्यूमेंट होना आवश्यक है जो कि इस प्रकार से है –
- आवेदक का आधार कार्ड
- स्थाई निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- बीपीएल कार्ड/ अंत्योदय कार्ड
- मुखिया की वर्तमान स्थिति मेडिकल सर्टिफिकेट
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- वोटर आईडी
- एक ऐसा हलफनामा जिससे कि यह पता चले कि लाभार्थी के पास कोई भी राशन कार्ड नहीं है कई वर्षों से।
अंत्योदय अन्न योजना का आवेदन कैसे करें?
जो भी लाभार्थी अंत्योदय अन्य योजना का लाभ प्राप्त करने के इच्छुक हैं उन्हें सबसे पहले अपने क्षेत्र के खाद्य पूर्ति विभाग में जाकर आवेदन करना होता है।जहां वे खाद्य आपूर्ति विभाग से अंत्योदय अन्न योजना का आवेदन करने के लिए एक आवेदन पत्र फॉर्म प्राप्त करते हैं। इस आवेदन फार्म में पूछी गई सभी जानकारियां आपको अच्छे से पढ़कर भर देनी है जिनमें आपका नाम आपका पता मोबाइल नंबर इत्यादि प्रश्न पूछे गए होते हैं और साथ ही में वे सभी जरूरी दस्तावेज जो भी उसमें मांगे गए होते हैं साथ में आपको संलग्न कर देना है।इसके बाद आपको इस खाद्य पूर्ति विभाग में अपना यह आवेदन फार्म जमा कर देना है जहां यह फार्म लेने के बाद अधिकारी आपका फॉर्म का और यदि आप इस योजना के योग्य है तो आपका पंजीकरण कर दिया जाता है।
सुझाव-
यदि आप भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले भारत के किसी नागरिक में से एक है और आपने अभी तक इस योजना का लाभ प्राप्त नहीं किया है तो जल्द से जल्द इस योजना के लिए अपने नाम का पंजीकरण करवाइए और अंत्योदय अन्न योजना का लाभ प्राप्त कीजिए।